सोच रहा हूँ मैं आज एक ग़ज़ल लिखूँ
आज के हालात लिखूँ या
गुजरा हुआ कल लिखूँ
उसका दिया हर गम लिखूँ या
खुशी का कोई पल लिखूँ
लिख दूँ लोगों से मिले ताने इसमे
या अपनों से मिला संबल लिखूँ
कठिनाइयों का पहाड़ बनाऊँ या
अपनी हिम्मत का बल लिखूँ
टूटते मन की उदासी लिखूँ या
या धड़कनो की हलचल लिखूँ
उकेरुं एक किरदार बेरहम सा या
मन का बहुत सरल लिखूँ
लिख दूँ खुद को पत्थर दिल या
आँखों का बहता तरल लिखूँ
अब तुम्ही बताओ मैं किसके जैसी ग़ज़ल लिखूँ
सोच रहा हूँ मैं आज रात एक ग़ज़ल लिखूँ
©Prashant Kn sharma
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