चार मिले, चौंसठ खिले, बीस रहे कर जोड़। प्रेमी | हिंदी Poetry

"चार मिले, चौंसठ खिले, बीस रहे कर जोड़। प्रेमी सज्जन जब मिले, खिल गये सात करोड़।। ©Shiv Narayan Saxena"

 चार  मिले,  चौंसठ  खिले, बीस रहे कर जोड़। 
 प्रेमी सज्जन जब मिले, खिल गये सात करोड़।।

©Shiv Narayan Saxena

चार मिले, चौंसठ खिले, बीस रहे कर जोड़। प्रेमी सज्जन जब मिले, खिल गये सात करोड़।। ©Shiv Narayan Saxena

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