गीता का उद्देश्य ही परमात्मा के ज्ञान, आत्मा के ज्ञान और सृष्टि विधान के ज्ञान को स्पष्ट करना है। गीता वास्तव में चरित्र निर्माण का सबसे बड़ा और उत्तम शास्त्र है। इसके माध्यम से भगवान ने कहा है कि चरित्र कमल पुष्प समान संसार में रहकर और श्रेष्ठ कर्मों से बनेगा कि घर-बार छोड़ने और कर्म संन्यास क्रियाएं करने से।
Sahi Baat Hai
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