White बेटियाँ हमेशा माँगने में पीछे रही हैं
उन्होंने नहीं माँगा अपने हिस्से की ज़मीन, घर और खुशी।
वह नहीं माँग सकी हैं
समाज से अपनी आजादी।
वह अभी कितनी पीछे हैं
वह नहीं माँग पायी हैं
अपने पिता से अपने पसंदीदा पुरुष का हाथ।
लेकिन मैं सोचता हूं
बेटियाँ अभी तक इतनी मजबूर क्यों हैं।
-सरोज
©Vimlesh Miledar Saroj
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