White मन कटु-वाणी से आहत हो भीतर तक छलनी हो जाये, | हिंदी Poetry

"White मन कटु-वाणी से आहत हो भीतर तक छलनी हो जाये, फिर बाद कहे प्रिय वचनों का रह जाता कोई अर्थ नही।। सम्बन्ध कोई भी हों लेकिन यदि दुःख में साथ न दें अपना, फिर सुख में उन सम्बन्धों का रह जाता कोई अर्थ नही।। ©Me Nobita"

 White मन कटु-वाणी से आहत हो
भीतर तक छलनी हो जाये,
फिर बाद कहे प्रिय वचनों का
रह जाता कोई अर्थ नही।।

सम्बन्ध कोई भी हों लेकिन
यदि दुःख में साथ न दें अपना,
फिर सुख में उन सम्बन्धों का
रह जाता कोई अर्थ नही।।

©Me Nobita

White मन कटु-वाणी से आहत हो भीतर तक छलनी हो जाये, फिर बाद कहे प्रिय वचनों का रह जाता कोई अर्थ नही।। सम्बन्ध कोई भी हों लेकिन यदि दुःख में साथ न दें अपना, फिर सुख में उन सम्बन्धों का रह जाता कोई अर्थ नही।। ©Me Nobita

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