न पूंछो कि ज़िन्दगी ने, कितना रुलाया हमको
कैसे खास अपनों ने, जी भर के सताया हमको
हमने तो की मोहब्बत बे इंतिहां सब से मगर
यारों ने फूल बता कर, काँटों पे चलाया हमको
छलों व प्रपंचों की दुनिया में जी तो लिए मगर
लोगों के गिरे ज़मीर ने, ताउम्र सताया हमको
कैसे बदल लेते हैं लोग रंग गिरगिट की तरह
इस मतलबी जमाने ने, हर रंग दिखाया हमको
क्या करें मज़बूर हैं हम अपनी फ़ितरत से "मिश्र"
न जाने इस आदत ने, कब कब रुलाया हमको
😞
#BaadalBarse status sad alone sad dp