White हाथ जोड़कर मन्नत मांगी, खुदा सुने चाहे राम, | हिंदी Poetry

"White हाथ जोड़कर मन्नत मांगी, खुदा सुने चाहे राम, हिंदू-मुस्लिम नफरत-वकरत, सब पर लगे विराम। धर्म-जाति के बंधन तोड़ें, मानवता हो पहचान, प्यार के दीप जलें दिलों में, मिटे घृणा का धुआँ। एक ही आस, एक ही मंजिल, सब मिलकर चलें साथ, भाईचारे का हो उजियारा, मिटे हर मन का अंधकार। रंग-बिरंगे फूल खिले, चाहे कोई भी हो नाम, सभी दिलों में प्यार बहे, यही हो सच्चा काम। मन्नत मेरी, मन्नत तेरी, सबकी हो यही प्रार्थना, नफरत की जगह प्रेम पनपे, यही हो सच्ची साधना। ©MOHNISH RANJAN(@Bankebiharivlog)"

 White हाथ जोड़कर मन्नत मांगी, खुदा सुने चाहे राम, हिंदू-मुस्लिम नफरत-वकरत, सब पर लगे विराम।

धर्म-जाति के बंधन तोड़ें, मानवता हो पहचान, प्यार के दीप जलें दिलों में, मिटे घृणा का धुआँ।

एक ही आस, एक ही मंजिल, सब मिलकर चलें साथ, भाईचारे का हो उजियारा, मिटे हर मन का अंधकार।

रंग-बिरंगे फूल खिले, चाहे कोई भी हो नाम, सभी दिलों में प्यार बहे, यही हो सच्चा काम।

मन्नत मेरी, मन्नत तेरी, सबकी हो यही प्रार्थना, नफरत की जगह प्रेम पनपे, यही हो सच्ची साधना।

©MOHNISH RANJAN(@Bankebiharivlog)

White हाथ जोड़कर मन्नत मांगी, खुदा सुने चाहे राम, हिंदू-मुस्लिम नफरत-वकरत, सब पर लगे विराम। धर्म-जाति के बंधन तोड़ें, मानवता हो पहचान, प्यार के दीप जलें दिलों में, मिटे घृणा का धुआँ। एक ही आस, एक ही मंजिल, सब मिलकर चलें साथ, भाईचारे का हो उजियारा, मिटे हर मन का अंधकार। रंग-बिरंगे फूल खिले, चाहे कोई भी हो नाम, सभी दिलों में प्यार बहे, यही हो सच्चा काम। मन्नत मेरी, मन्नत तेरी, सबकी हो यही प्रार्थना, नफरत की जगह प्रेम पनपे, यही हो सच्ची साधना। ©MOHNISH RANJAN(@Bankebiharivlog)

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