किसी से क्या डरना.... जब साथ माँ की दुआ है,
ए इंसान...
तु मंदिर, मस्ज़िदों मे क्या ढूंढता है
जब तेरे घर मे ही तेरा खुदा है।।
मेरी कलम से
प्यारा बिरजू🙏🙏😊😊
किसी से क्या डरना.... जब साथ माँ की दुआ है,
ए इंसान...
तु मंदिर, मस्ज़िदों मे क्या ढूंढता है
जब तेरे घर मे ही तेरा खुदा है।।
मेरी कलम से
प्यारा बिरजू🙏🙏😊😊