झुंट ओर फरेब से कितनी परे है, वो दुनिया जो वास्तव | हिंदी विचार

"झुंट ओर फरेब से कितनी परे है, वो दुनिया जो वास्तव बगैर किसी लालच के आप से जुड़ी है , इसका मार्मिक अहसास आप को तब होता है ,जब आप का चाहने वाला आप का हाथ पकड़े कर खुद को ट्रैफिक की ओर रख कर आप को रोड पास कराता है ,बहुत सुखद अनुभूति है ©hazari lal ......doctor"

 झुंट ओर फरेब से कितनी परे है, वो दुनिया जो वास्तव बगैर किसी लालच के आप से जुड़ी है , इसका मार्मिक अहसास आप को तब होता है ,जब आप का चाहने वाला आप का हाथ पकड़े कर खुद को ट्रैफिक की ओर रख कर आप को रोड पास कराता है ,बहुत सुखद अनुभूति है

©hazari lal ......doctor

झुंट ओर फरेब से कितनी परे है, वो दुनिया जो वास्तव बगैर किसी लालच के आप से जुड़ी है , इसका मार्मिक अहसास आप को तब होता है ,जब आप का चाहने वाला आप का हाथ पकड़े कर खुद को ट्रैफिक की ओर रख कर आप को रोड पास कराता है ,बहुत सुखद अनुभूति है ©hazari lal ......doctor

#Pattiyan

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