मैंने भी मेरे दर्द के अल्फाज़ किसी के सामने रखे थ | हिंदी शायरी

"मैंने भी मेरे दर्द के अल्फाज़ किसी के सामने रखे थे, गमों को परखने वाला ज़ोहरी अंधा निकला तो मैं क्या करूं! #Vikram . ©Vikram Alwar Rajasthan"

 मैंने भी मेरे दर्द के अल्फाज़
 किसी के सामने रखे थे, 
गमों को परखने वाला ज़ोहरी
 अंधा निकला तो मैं क्या करूं! 

#Vikram








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©Vikram Alwar Rajasthan

मैंने भी मेरे दर्द के अल्फाज़ किसी के सामने रखे थे, गमों को परखने वाला ज़ोहरी अंधा निकला तो मैं क्या करूं! #Vikram . ©Vikram Alwar Rajasthan

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