अपनों से खौफ है कि कहीं गैर ही ना हो, हैं इससे बढ | हिंदी शायरी

"अपनों से खौफ है कि कहीं गैर ही ना हो, हैं इससे बढ़ के और जहां में अजाब क्या.."

 अपनों से खौफ है कि 
कहीं गैर ही ना हो,
हैं इससे बढ़ के और 
जहां में अजाब क्या..

अपनों से खौफ है कि कहीं गैर ही ना हो, हैं इससे बढ़ के और जहां में अजाब क्या..

#thought

People who shared love close

More like this

Trending Topic