पिता तुल्य हो तुम हमारे....
सत्य अहिंसा तुमको प्यारे....।2।
तुम्हारे आदर्शों पर हम जीते हैं....
बटवारा पाकिस्तान का आज भी घुट घुट कर पीते हैं.....।2।
तुम कहते हुए चले गए कि स्वदेशी अपनाना है...
और यहां लोगों को विदेशी आजमाना है...
2 अक्टूबर का दिन है..
तुम्हें याद करना है ,तुम्हारी तस्वीर पर माला चढ़ाना है
पूछा तो कहते हैं बच्चों को लंदन और अमेरिका में पढ़ाना है....
कहने को हम स्वदेशी हैं
चाहत कल भी फिरंगी थी आज भी विदेशी है....
©Nitish Singh
#gandhijayanti