सरे राह लाश के दो टुकड़े पड़े थे, डर इधर पड़ा था ध | हिंदी शायरी Video

"सरे राह लाश के दो टुकड़े पड़े थे, डर इधर पड़ा था धर उधर पड़ा था ताजा खून जो उस लाश से बह रहा था जमीं का वो हिस्सा खून से तड़पड़ा था पूछा किसी ने कौन कमबख्त है यह, और यह किस से लड़ पड़ा था कातिल पास खड़ा था बोला इश्क हूं मैं, यह मुझसे लड़ पड़ा था। ©Amrit Yadav "

सरे राह लाश के दो टुकड़े पड़े थे, डर इधर पड़ा था धर उधर पड़ा था ताजा खून जो उस लाश से बह रहा था जमीं का वो हिस्सा खून से तड़पड़ा था पूछा किसी ने कौन कमबख्त है यह, और यह किस से लड़ पड़ा था कातिल पास खड़ा था बोला इश्क हूं मैं, यह मुझसे लड़ पड़ा था। ©Amrit Yadav

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