जाग कर काटा था सारी रात मैंने
सुबह जब काम पर गया तो
लोग पूछने लगे विशाल
ये आँखें कैसे सूजी हैं तुम्हारी
किसकी याद में तुमनें तकिया भीगों दिए
मैंने कहा किसी हमदर्द ने एक दास्तां सुनाई
उस दास्तान पर रो दिए
जाग कर सारी रात हमनें तकिया भीगों दिए...
©Hrishi Vishal 007
#जाग_कर_काटी_सारी_रात_मैंने