हर रोज ज़िन्दगी के मंच पर शह और मात के इस खेल को | हिंदी विचार Video

"हर रोज ज़िन्दगी के मंच पर शह और मात के इस खेल को वो खेल रहा था। कल की बाजी उसे खेलने का मौका ही नहीं मिला। वह हार गया कोई और जीत गया। ©Upasna Mishra "

हर रोज ज़िन्दगी के मंच पर शह और मात के इस खेल को वो खेल रहा था। कल की बाजी उसे खेलने का मौका ही नहीं मिला। वह हार गया कोई और जीत गया। ©Upasna Mishra

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