बातें दिल पर, लगती है |
तो मुस्कुराकर ,खामोश हो जाती हूं |
मन करता नहीं ,मेरा खुद को ,सही साबित करने का |
बस फिर से मैं ,अपनी अच्छाइयों में , मशरूफ हो जाती हूं |
समझा नहीं किसी ने मुझे ,
और ना ही समझाने की ,कोशिश मैंने कि कभी |
गलत हूं तो गलत ही सही, पर फिर भी मैं खुद में , अच्छी हूं |
©pari dixit
#love #Poet #viral #Sa #paridixit447