"ये मोहब्बत के मेले
झमेले हैं
इस भरी महफिल में
हम तो अकेले हैं
कोई तो कैहता हमें
संभलना जरा
इसके राहों में कांटे
नुकीले हैं
अब हर तरफ वो-ही-वो
दिखाई दे हमें
हमारी आंखो में उनकी ही
तस्वीर झूले है
उनकी आंखो में डूबे
सो डूबे ही हैं
क्या करें जो ये दिल
उनको ना भूले है
उनके दिल में बड़ी भिड़ थी यारो
फिर भी कोशिश हम अपनी
जगह बनाने कि करते रहें
हम भी गजब के अलबेले हैं
हम मशगूल थे उनकी बातों में
हमें क्या मालूम कि वो हमारे
जज़्बातों से खेलें है
ये मोहब्बत के मेले
झमेले हैं...."