कशमकश ख़त्म नहीं होती ज़िंदगी की आरज़ू बढ़ती जाती | हिंदी Shayari

"कशमकश ख़त्म नहीं होती ज़िंदगी की आरज़ू बढ़ती जाती ज़िंदगी की ©Author Munesh sharma 'Nirjhara'"

 कशमकश ख़त्म नहीं होती ज़िंदगी की
आरज़ू बढ़ती जाती ज़िंदगी की

©Author Munesh sharma 'Nirjhara'

कशमकश ख़त्म नहीं होती ज़िंदगी की आरज़ू बढ़ती जाती ज़िंदगी की ©Author Munesh sharma 'Nirjhara'

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