एक शबनम सी थी वो दोपहर जब तुम्हारे आमद की खबर लगी | हिंदी शायरी

"एक शबनम सी थी वो दोपहर जब तुम्हारे आमद की खबर लगी थी मुझे मेरे नये शहर... शायद वो उमस भरी शाम थी और साथ तुम्हारा इंतजार, आगोश में लिए हुए कई ख्वाहिशों को मैं और बदन में एक सिरहन थरथराहट तुम्हारा आना शायद एक मजबूत इरादा था... आदतन मैं हमेशा की तरह सकपकाया हुआ, तुम आए तो उमस खत्म हुई शायद थोड़ी थरथराहट भी, दो लहू एक हुए उम्मीदों का सिलसिला चल पड़ा... तुम्हारा इश्क बेहद था और बेवफा मैं भी नहीं तो क्या हुआ वक्त का लहजा थोड़ा अजीब है अभी इश्क अब भी वही है जहां कुछ अर्से पहले उस शहर में था... #मानस ©Manas Krishna"

 एक शबनम सी थी वो दोपहर जब तुम्हारे 
आमद की खबर लगी थी मुझे मेरे नये 
शहर...

शायद वो उमस भरी शाम थी और साथ 
तुम्हारा इंतजार,
आगोश में लिए हुए कई ख्वाहिशों को 
मैं और बदन में एक सिरहन थरथराहट 
तुम्हारा आना शायद एक मजबूत इरादा 
था...

आदतन मैं हमेशा की तरह सकपकाया 
हुआ,
तुम आए तो उमस खत्म हुई शायद थोड़ी 
थरथराहट भी,
दो लहू एक हुए उम्मीदों का सिलसिला 
चल पड़ा...

तुम्हारा इश्क बेहद था और बेवफा मैं भी 
नहीं तो क्या हुआ 
वक्त का लहजा थोड़ा अजीब है अभी 
इश्क अब भी वही है जहां कुछ अर्से पहले 
उस शहर में था...

#मानस

©Manas Krishna

एक शबनम सी थी वो दोपहर जब तुम्हारे आमद की खबर लगी थी मुझे मेरे नये शहर... शायद वो उमस भरी शाम थी और साथ तुम्हारा इंतजार, आगोश में लिए हुए कई ख्वाहिशों को मैं और बदन में एक सिरहन थरथराहट तुम्हारा आना शायद एक मजबूत इरादा था... आदतन मैं हमेशा की तरह सकपकाया हुआ, तुम आए तो उमस खत्म हुई शायद थोड़ी थरथराहट भी, दो लहू एक हुए उम्मीदों का सिलसिला चल पड़ा... तुम्हारा इश्क बेहद था और बेवफा मैं भी नहीं तो क्या हुआ वक्त का लहजा थोड़ा अजीब है अभी इश्क अब भी वही है जहां कुछ अर्से पहले उस शहर में था... #मानस ©Manas Krishna

#febkissday

People who shared love close

More like this

Trending Topic