White यूं रातों को उठ कर अचानक , ले गए हो खुदको कभी छत की ओर ,
देख कर छवि चाँद में उसकी , ले गए हो खुदको कभी मोहब्बत की ओर ।
निहारा तो पक्का होगा चाँद को , कभी आंखे भी भर आई होगी ,
अपनी कविताएं प्यार मोहब्बत की , कभी उसको तो सुनाई होगी ।
मान कर उसको अपना खुदा, ले गए हो खुदको कभी इबादत की ओर ,
देख कर छवि चाँद में उसकी , ले गए हो खुदको कभी मोहब्बत की ओर ।
कभी किए है बैठ कर किस्से उसके , कभी कसमें भी तो खाई होगी ,
देखा होगा कभी शिद्दत से उसको , अब कभी याद भी तो आई होगी ।
यूं देख कर सन्नाटा अंधेरे में , ले गए हो खुदको बीते कल की ओर ,
देख कर छवि चाँद में उसकी , ले गए हो खुदको कभी मोहब्बत की ओर ।
©AJ BADETIA
#sad_shayari 🦋