"मगर यह भी सत्य है
ना हम तुम्हारी मुस्कान भुला पाएंगे
ना तुम्हारा वो स्पर्श कभी भुला पाएंगे
जो तुमने इच्छा से कभी देना नहीं चाहा होगा
मगर मोहब्बत के बल पर
कभी- कभार हमने पा लिया था
जितना हमने तुझे चाहा गर
उतना तुमने हमको चाहा होता तो
हमारी हसरत तो
तुम्हारे अंतरतर का स्पर्श करने की थी
तुम्हें सच्चा प्यार करने की थी
खैर तुम्हारी हसरत को देखते हुए
हमने अपनी मोहब्बत को
कुर्बान कर देना ही बेहतर समझा
सत्य कहते हैं साकी
तुम्हारे साथ बिताए लम्हें पल, याद बहुत आएंगे
मगर यह सत्य है, अब हम बयां नहीं कर पाएंगे।"
©Azaad Pooran Singh Rajawat
#Moon #तुम्हारे साथ बिताए लम्हें पल#