उसे पसंद थी जो घड़ी मैने तोफे में उसे दिला दी कमबख | हिंदी शायरी

"उसे पसंद थी जो घड़ी मैने तोफे में उसे दिला दी कमबख्त मेरे हिस्से की घड़ी उसने रकीब के हाथ में थमा दी ।। ©Deep shayar"

 उसे पसंद थी जो घड़ी मैने तोफे में उसे दिला दी
कमबख्त मेरे हिस्से की घड़ी उसने रकीब के हाथ में थमा दी ।।

©Deep shayar

उसे पसंद थी जो घड़ी मैने तोफे में उसे दिला दी कमबख्त मेरे हिस्से की घड़ी उसने रकीब के हाथ में थमा दी ।। ©Deep shayar

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