सब ख़ामोश है, क्यों है..
जुबां खोले कुछ तो बोलें..
मग़र बोले क्या जब कि राहें जुदा है..
वो रोक भी ले तब भी यही सुनना है..
इन सब कहने सुनने में वक़्त ज़ाया करे क्यों..
तुम क्यों कुछ कहो हम सुने कुछ क्यों..
जो बाकी है दरमियाँ उसमे से हिस्सा ले लें
तुम ने कुछ... चुना हम कुछ और चुन लें
जब यही होना है तो हंगामा क्यों करें
और इस समझदारी में सहमति हो गयी..
वो गया नई दुनिया बसाने इसी चुप्पी में..
वो बिना कुछ बोले कमरें में चली गयी..!!
©grey7
#chup