होती बहुत अधीर है, कवि के मन की पीर। अब कवि वो लिख | हिंदी कविता Video

"होती बहुत अधीर है, कवि के मन की पीर। अब कवि वो लिखते नहीं, वीरों की वो पीर।। ©कवि रामकृष्ण प्रेमी "

होती बहुत अधीर है, कवि के मन की पीर। अब कवि वो लिखते नहीं, वीरों की वो पीर।। ©कवि रामकृष्ण प्रेमी

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