"White पाने को कुछ नहीं,
ले जाने को कुछ नहीं,
उड़ जाएंगे एक दिन
तस्वीर से रंगों की तरह
हम वक्त की टहनी पर.
बैठे हैं परिंदों की तरह
खटखटाते रहिए दरवाजा.
एक दूसरे के मन का;
मुलाकातें ना सही,
आहटें आती रहनी चाहिए
ना राज़ है."ज़िन्दगी" ना नाराज़ है.
" बस जो है वो आज है..."ज़िन्दगी"
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