// कैसे लगाएं यादों का हिसाब //
कब से है इंतजार तुम्हारा कैसे लगाएं यादों का हिसाब,
पल पल तेरा एहसास दिलाता है वो सुखा हुआ गुलाब,
दिल की किताब में अब भी संभाल कर रखा है उसको,
तेरी मोहब्बत की खुशबू अब भी उससे आती बेहिसाब,
बिछड़कर शायद फिर मिलना लिखा है हमारे नसीब में,
दिल की किताब खोल लेता हूं हर रोज इसी उम्मीद में,
बिखर चुकी पंखुड़ियां पर यादो में, ख्वाबों में खिलकर,
देता है वो धड़कन को पल-पल आवाज़ तेरे इंतजार में।
©Mili Saha
#roseday