दर्द-ओ-गम हिज़्र की रातें भी और तन्हाई.. किसी ने ठ | हिंदी Shayari

"दर्द-ओ-गम हिज़्र की रातें भी और तन्हाई.. किसी ने ठीक कहा था की प्यार मत करना.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY"

 दर्द-ओ-गम हिज़्र की रातें भी और तन्हाई..

किसी ने ठीक कहा था की प्यार मत करना..

यूसुफ़ आर खान...

©F M POETRY

दर्द-ओ-गम हिज़्र की रातें भी और तन्हाई.. किसी ने ठीक कहा था की प्यार मत करना.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY

#Dard-o-gham hizr ki raatein

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