तुलसी बिरबा बाग में सींचत ही मुरझाये। राम भरोसे जो

"तुलसी बिरबा बाग में सींचत ही मुरझाये। राम भरोसे जो रहे वो पर्वत पर लहराये।। ©Dharti Mata Vasundhara"

 तुलसी बिरबा बाग में सींचत ही मुरझाये।
राम भरोसे जो रहे वो पर्वत पर लहराये।।

©Dharti Mata Vasundhara

तुलसी बिरबा बाग में सींचत ही मुरझाये। राम भरोसे जो रहे वो पर्वत पर लहराये।। ©Dharti Mata Vasundhara

अनमोल आध्यात्मिक ज्ञान।

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