कुछ तो रह गया है तर्जुमा-ए-इशक का तेरे, तुझे म | हिंदी Shayari

"कुछ तो रह गया है तर्जुमा-ए-इशक का तेरे, तुझे मशहूर करने को मेरा एक शेर काफी है। हरीफों से मदद ना ले आसूदाह होने की, तेरी शौहरत बनाने को,मुझसे बैर काफी है। ©ekrajhu"

 कुछ  तो  रह गया है  तर्जुमा-ए-इशक का तेरे,
तुझे  मशहूर करने को मेरा एक शेर काफी है।

हरीफों  से  मदद ना  ले आसूदाह   होने   की,
तेरी  शौहरत  बनाने को,मुझसे  बैर काफी है।

©ekrajhu

कुछ तो रह गया है तर्जुमा-ए-इशक का तेरे, तुझे मशहूर करने को मेरा एक शेर काफी है। हरीफों से मदद ना ले आसूदाह होने की, तेरी शौहरत बनाने को,मुझसे बैर काफी है। ©ekrajhu

#तर्जुमा :- translation
#हरीफ:- competitors
#आसूदाह :- famous

#Darknight

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