अफ़सोस बाक़ी ना रहे...
कर जा कुछ ऐसा के जीने का अफसोस बाक़ी ना रह जाए...
कर दिल की हर हसरत पूरी कोई अरमान बाक़ी ना रह जाए...
जिंदगी मे सबको सबकुछ मिले बेशक़ ये ज़रूरी नहीं हैं लेकिन
जो मिला है उसकी भी कहीं कोई चाहत बाक़ी ना रह जाए ...
मुसलसल बदलते दौरा से भी मै बख़ूबी वाकिफ़ हूँ "निश़ात"
सँभलना कहीं कोई फिर भी नया तजुर्बा बाक़ी ना रह जाए...
मैंने तंज़ ये दुश्मन-ए-जाँ के तो मुस्कुरा के सह लिए है मगर
देखना अपनो के दिए कोई घाव जिस्म पे बाक़ी ना रह जाए..
©Archii
#TiTLi #अफ़सोस #Shayar♡Dil☆
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