ये जो अति का प्यार आप लुटा रहे हैं,
यकीं मानियें बच्चों को मिटा रहे हैं,
जिद दी आपने, जहर भी आपने दिया,
पैसा थमाकर हाथ में उनको बिगाड़ दिया,
समय-साथ़ अपना दिया नहीं तरीके से,
मोबाइल को ही साथी बना दिया,
अब वो पढ़ता नहीं, मोबाइल से दिल बहलाता है,
रोकर, चीख कर अपनी बात मनवाता हैं,
माना प्यार परिवार का बच्चों को मिलना चाहिए,
पर सवाल ये है, क्या अति कर बच्चों को चौपट करना सही है???
©Varun Raj Dhalotra
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