गोरे तन पर काली साढ़ी पहने , उसका घर से बाहर निकल | हिंदी Shayari Vide

"गोरे तन पर काली साढ़ी पहने , उसका घर से बाहर निकलना कभी-कभी "शमी" लगता है जैसे शाम ढले, काली बदलियों से चांद निकल आया है अभी-अभी । ©" शमी सतीश " (Satish Girotiya) "

गोरे तन पर काली साढ़ी पहने , उसका घर से बाहर निकलना कभी-कभी "शमी" लगता है जैसे शाम ढले, काली बदलियों से चांद निकल आया है अभी-अभी । ©" शमी सतीश " (Satish Girotiya)

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