इश्क मे इश्क जैसा कुछ नही रहा
सब कुछ खारा सा हो गया
न हम तुम्हारे रहे न तुम हमारे रहे
जाने कौन से किस्से पुराने रहे
वापस मुड़ कर देखने के भी
अब न कोई बहाने रहे
मशरुफ हो तुम शख्सियत बनाने मे अपनी
हम पीछे कहाँ फिर से दिल लगाने मे रहे
मशहूर किस्से हमारे कुछ यूँ जमाने मे रहे.........
#अंजान......
©निखिल कुमार अंजान
सब कुछ खारा हो गया