समाज का दोहरा शकल और धोखेबाजी वाली अकल बचपन में | हिंदी Motivation

"समाज का दोहरा शकल और धोखेबाजी वाली अकल बचपन में कहां पता होता है वरना पचपन की उम्र में आकर यूं रोना नहीं होता है। ©Dr. H(s)uman , Homoeopath"

 समाज का दोहरा शकल 
और धोखेबाजी वाली अकल 
बचपन में कहां पता होता है 
वरना पचपन की उम्र में आकर यूं रोना नहीं होता है।

©Dr. H(s)uman , Homoeopath

समाज का दोहरा शकल और धोखेबाजी वाली अकल बचपन में कहां पता होता है वरना पचपन की उम्र में आकर यूं रोना नहीं होता है। ©Dr. H(s)uman , Homoeopath

#दोहरा शकल

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