मैं खुदको रोज थोड़ा-थोड़ा सुधारने की कोशिश करता हूँ,
अतीत में जो ग़लतियाँ हुई उन्हें दुबारा
न दोहराने का निश्चय करता हूँ,
हालाँकि इन सब बिन्दुवार प्रक्रियाओं के दौरान मैं
सुधर पाऊँगा या नहीं
एक बेहतर इंसान बन पाऊँगा या नहीं इस बात का एहसास
मुझे बिल्कुल नहीं होता...
लेकिन मैं खुदको जानवर होने से बचा सकता हूँ,
खुदको आईने में देख कर शर्मिंदा होने की बजाए
गर्व कर सकता हूँ इस बात की गारंटी ज़रूर ले सकता हूँ...
आप किस चरित्र के है यह मैटर नहीं करता है
अपने चरित्र के बदलाव में आपने कितनी भूमिका निभाई
यह बात मायने रखती है !!*SHAKTI SINGH
©me nd my solitude
#Sitaare