बड़े बड़ाई ना करें बड़े ना बोले बोल रहमत बिनती आपसे हीरा है अनमोल नदी किनारे में खड़ी जाल महिला हुए मैं मैली सोफिया उजारो मिलन कौन विधि हुए मिलन कौन विधि हुए जितेंद्र जल्दी से की जय राम नाम की छाप छाप के हृदय मन बस लीजिए कैसे दास कबीर शरण सतगुरु की जो ऐसा करो उपाय पिया के दर्शन पाव बुरा जो देखन मैं चला बुरा न मिलया कोई अपने आप जब मैं जगा हमसे बुरा ना कोई साधु ऐसा चाहिए जैसा शुभ स्वभाव तर वस्तु का ही लेते तोता दे थोड़ा
©Radhe Ji