*जो खुश हुए वो अपने नहीं थे,* *जो अपने थे वो कभी ख | हिंदी Shayari Vid

"*जो खुश हुए वो अपने नहीं थे,* *जो अपने थे वो कभी खुश नहीं* *हुए...* *कितना भी समेट लो..* *हाथों से फिसलता ज़रूर है..* *ये वक्त है मेरे दोस्त.* *बदलता ज़रूर है..* ---------------- ©Robin Singh Khalsa "

*जो खुश हुए वो अपने नहीं थे,* *जो अपने थे वो कभी खुश नहीं* *हुए...* *कितना भी समेट लो..* *हाथों से फिसलता ज़रूर है..* *ये वक्त है मेरे दोस्त.* *बदलता ज़रूर है..* ---------------- ©Robin Singh Khalsa

#chai

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