White मैंने वक़्त को अपने इन हाथों से फिसलते देखा है,
इतने तजुर्बेकार ऐसे ही थोड़े ना हो गए हम,
मैंने मुझको कई मौकों पर हाथ मलते देखा है,
वो जिन्हें अपना कहकर हमेशा सीने से लगाते थे हम,
मैंने मेरे उन अपनों को मेरे ही ख़िलाफ़ ज़हर उगलते देखा है,
कहते हैं सबकी ज़िन्दगी में सवेरा ज़रूर होता है,
मगर मैंने तो मेरे दिन को हर रोज़ ढ़लते देखा है,
और किसी का सहारा ना लेना ही बहतर है अब,
क्योंकि मैंने इस दुनिया में हर किसी को क़दम-क़दम पर सिर्फ बदलते देखा है।
©Umme Habiba
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