एक शाम दिलचस्प मंजर के नाम कर आया चीख उठे सारे ख् | हिंदी Shayari

"एक शाम दिलचस्प मंजर के नाम कर आया चीख उठे सारे ख्वाब जब कुछ काम कर आया यह बुलंदियों की माला कुर्बान रातों से, जलते धूप से सीची है, जो आज पूरी आराम-ए-श्याम कर आया हर निगाहों के नजर से खुदको भूल गया था वो शक्स आज इतना ऊंचा है की हर निगाह में मकाम कर आया न कोई आगे न कोई पीछे था वो जो उपर से देख रहा था वो भी इस कहानी के किरदार को झुकके सलाम कर आया हर मोड़ सफर का अहम था जिन्दगी के लिए जो हर अधुरा ख्वाब टूटकर ही 'आगम' को जमाने में, तमाम कर आया ~आगम ©aagam_bamb"

 एक शाम दिलचस्प मंजर के नाम कर आया 
चीख उठे सारे ख्वाब जब कुछ काम कर आया

यह बुलंदियों की माला कुर्बान रातों से, जलते धूप
से सीची है, जो आज पूरी आराम-ए-श्याम कर आया

हर निगाहों के नजर से खुदको भूल गया था वो शक्स 
आज इतना ऊंचा है की हर निगाह में मकाम कर आया

न कोई आगे न कोई पीछे था वो जो उपर से देख रहा था
वो भी इस कहानी के किरदार को झुकके सलाम कर आया

हर मोड़ सफर का अहम था जिन्दगी के लिए जो हर अधुरा
ख्वाब टूटकर ही 'आगम' को जमाने में, तमाम कर आया 

~आगम

©aagam_bamb

एक शाम दिलचस्प मंजर के नाम कर आया चीख उठे सारे ख्वाब जब कुछ काम कर आया यह बुलंदियों की माला कुर्बान रातों से, जलते धूप से सीची है, जो आज पूरी आराम-ए-श्याम कर आया हर निगाहों के नजर से खुदको भूल गया था वो शक्स आज इतना ऊंचा है की हर निगाह में मकाम कर आया न कोई आगे न कोई पीछे था वो जो उपर से देख रहा था वो भी इस कहानी के किरदार को झुकके सलाम कर आया हर मोड़ सफर का अहम था जिन्दगी के लिए जो हर अधुरा ख्वाब टूटकर ही 'आगम' को जमाने में, तमाम कर आया ~आगम ©aagam_bamb

#Light

People who shared love close

More like this

Trending Topic