Unsplash तू समझता है तेरा हिज्र गवारा कर के
बैठ जाएँगे मोहब्बत से किनारा कर के
ख़ुदकुशी करने नहीं दी तेरी आँखों ने मुझे
लौट आया हूँ मैं दरिया का नज़ारा कर के
इसलिए उसको दिलाता हूँ मैं ग़ुस्सा 'ताबिश'
ताकि देखूँ मैं उसे और भी प्यारा कर के
- Abbas Tabish
©Er Aryan Tiwari
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