"तमन्नाओ के शहर में
मैं निकला ऊंची उड़ान पर
ख्वाइशो को पाने के खातिर
कुछ ख्वाब लेकर एक उम्मीद में
कुछ अरमान लेकर निकला
फिर वहा मेहनत के साथ संघर्ष भी किया
पर जब कगार पे था उस मंजिल के
तब नियत बदली उस इंसान की
जो पहले चाहता था की मैं आगे बढ जाऊ
पर वोही तो ऐसा निकला
कुछ अपने लालच के खातिर
वो कुछ पैसों के आगे पिघला !
©–Muku2001
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