"बारह दिसंबर
बा- बार- बार, हर- साल ये
दिसंबर चला आता है
र- रह -रह के तेरी याद दिलाता है
ह- है आज भी वही तारिक
दि - दिल से जुड़ी तेरी यादे
स - सब ताजा हो जाती हैं
म - मैं कहीं भी किसी कोने में रहूं
ब - बन के दर्द जिंदगी का
र - रात भर ये मुझे रुलाती हैं
©Dr Manju Juneja
"