कितना कुछ कह जाती है खामोशियां
कभी दिल में छुपे जज़्बात कह जाती है
तो कभी आंखों में छुपी शरारत पहचान लेती है
कभी अनकही सुना जाती है
कभी होठों पे रुकी बातें कह जाती है
तो कभी साथ होने का एहसास करा जाती है
कितना कुछ कह जाती है ये खामोशियां
मन में उलझे राज बता जाती है ये खामोशियां
©Aditya Raj
#khamoshiyan