ऐ जिंदगी ये कैसे मोड़ पर ला के खड़ा कर दिया जिसे चाहा था खुद से भी ज्यादा उससे दूर होने पर मजबूर कर दिया ।
कोई मजबूरी रोक ना पाई कभी मुझे उसे चाहने से, ये क्या तुने तो मेरे अपनो को ही दीवार बना के खड़ा कर दिया।
पार नहीं कर सकती इस दीवार को मजबूरी इतनी बड़ी की न चाहें दूर करना पड़ा चाहत को ।
दूर हो उससे पर दिल से करीब हो उसके।
एक उम्मीद के सहारे जी रही हो, कोई तो दिन आएगा जब वो मेरे साथ होगा ।
©KAUR
#Jn