कितना वक्त गुजरने के बाद भी, इन नयनों के दर्पण में | हिंदी लव

"कितना वक्त गुजरने के बाद भी, इन नयनों के दर्पण में तुम्हारी छवि साफ है। तुम्हारा नाम सुन तुम्हारी मुस्कुराहट याद आती हैं सभी गीत गजलो से तुम्हारी प्यारी आवाज आती हैं। कहूं तो इस दिल की बात किससे, मिले तो बहुत पर तुमसा कोई नहीं। चेहरे पर मुस्कुराहट के साथ आखों में आसूं आते है, क्यूंकि मेरी तन्हाइयों की वजह वा दवा दोनों ही तुम हो। सब बदल गया हैं पर मैं क्यूं ना बदली। ???बताओ??? अपने इस मिजाज को नाम क्या दूं ---- "इस नश्वर सी दुनिया में अपने अमर प्रेम को पहचान क्या दूं।" ©__aastha__"

 कितना वक्त गुजरने के बाद भी,
इन नयनों के दर्पण में तुम्हारी छवि साफ है।

तुम्हारा नाम सुन तुम्हारी मुस्कुराहट याद आती हैं 
सभी गीत गजलो से तुम्हारी प्यारी आवाज आती हैं।

कहूं तो इस दिल की बात किससे,
मिले तो बहुत पर तुमसा कोई नहीं।
चेहरे पर मुस्कुराहट के साथ आखों में आसूं आते है,
क्यूंकि मेरी तन्हाइयों की वजह वा दवा दोनों ही तुम हो।
सब बदल गया हैं पर मैं क्यूं ना बदली।

???बताओ???

अपने इस मिजाज को नाम क्या दूं ----
"इस नश्वर सी दुनिया में अपने अमर प्रेम को पहचान क्या दूं।"

©__aastha__

कितना वक्त गुजरने के बाद भी, इन नयनों के दर्पण में तुम्हारी छवि साफ है। तुम्हारा नाम सुन तुम्हारी मुस्कुराहट याद आती हैं सभी गीत गजलो से तुम्हारी प्यारी आवाज आती हैं। कहूं तो इस दिल की बात किससे, मिले तो बहुत पर तुमसा कोई नहीं। चेहरे पर मुस्कुराहट के साथ आखों में आसूं आते है, क्यूंकि मेरी तन्हाइयों की वजह वा दवा दोनों ही तुम हो। सब बदल गया हैं पर मैं क्यूं ना बदली। ???बताओ??? अपने इस मिजाज को नाम क्या दूं ---- "इस नश्वर सी दुनिया में अपने अमर प्रेम को पहचान क्या दूं।" ©__aastha__

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