जिंदगी से अंत में हम उतना ही पाते हैं जितनी कि उसमें पूंजी लगाते हैं यह पूंजी लगाना जिंदगी के संकटों का सामना करना है उस पन्ने को पढ़ना है जिसके सभी अक्षर फूलों से ही नहीं अंगारो से भी लिखें गए हैं... रामधारी सिंह दिनकर ©VED PRAKASH 73 #जीवन_धारा Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto