White भटक गए हम राहों में मंजिल का ठिकाना नहीं था | हिंदी Shayari

"White भटक गए हम राहों में मंजिल का ठिकाना नहीं था... ले गई जिंदगी उन राहों में जहां हमें जाना नही था... कुछ क़िस्मत की मेहरबानी कुछ हमारा कसूर था... हमने खो दिया सबकुछ वहां जहां हमे कुछ पाना नहीं था...!! ·—·—·—·—🖤🖤—·—·—·—· ©adure alfaz"

 White भटक गए हम राहों में 
मंजिल का ठिकाना नहीं था...
ले गई जिंदगी उन राहों में
जहां हमें जाना नही था...

कुछ क़िस्मत की मेहरबानी
कुछ हमारा कसूर था...
हमने खो दिया सबकुछ वहां
जहां हमे कुछ पाना नहीं था...!!

·—·—·—·—🖤🖤—·—·—·—·

©adure alfaz

White भटक गए हम राहों में मंजिल का ठिकाना नहीं था... ले गई जिंदगी उन राहों में जहां हमें जाना नही था... कुछ क़िस्मत की मेहरबानी कुछ हमारा कसूर था... हमने खो दिया सबकुछ वहां जहां हमे कुछ पाना नहीं था...!! ·—·—·—·—🖤🖤—·—·—·—· ©adure alfaz

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