#BoloDilSe रिश्तों को मुहब्बते *एहतराम दो,के ताजमहाल दुनिया ने है देखा,मुमताज ने नहीं//१*सम्मान
रिश्ते और् जुते जब आपको दे तकलीफ,तब समझिये के वो अब आपके नाप नहीं/२
हल्की सी हो गई है,अब ये बोझिल् पलके मेरी,के वो मुद्दत्तों तक इन् नज़रो से गिरते रहे
आज नहीं//३
दिल से उतरे रिश्ते को दिल से लगाया मैने,के अब् ऐसे रिश्तो पे क्यू होता,मुझे *नाज् नही//४*गर्व