"ऐ जिंदगी .....
तु क्यु बेखबर है ?
हर दिन मे क्यु अलग है ?
कभी तु क्यु इतनी शांत है
और ..
कभी तु पहाड है
इन सवालो का तेरा किया जवाब है
मेरी पेहचान मे किया सिर्फ तेरे ही हाथ है
क्या ये जिंदगी किताब है ?
और
लिखने वाली सिर्फ तु
सिर्फ तु है ...........
हर दिन एक नया किस्सा है
और
हर किस्सा का तु नया ही उत्साह है
फिर यु चल गई है जिंदगी
के कभी पटरी से उतरी ही नही थी
किया राज है ......
ऐ जिंदगी .......
©Jayshree Kunwar Deora"