ना ही जिस्मों में फासले थे और ना ही दिलों में दूर | हिंदी Shayari Vide

"ना ही जिस्मों में फासले थे और ना ही दिलों में दूरियां कम थी ।। उसके चेहरे पर तो मुस्कुराहट थी पर आंखें नम थी ।। वो हमारे सामने खड़ी थी हम उसके सामने खड़े थे ।। होठों की ख्वाहिश पूरी करने के लिए जस्बात जिद पर अड़े थे ।। उसकी धड़कने बढ़ने लगी मेरे पैर कपने लगे !! जो कुछ भी हुआ वो हकीकत में हुआ था फिर भी वो लम्हे सपने लगे !! ©Naastik Sagar "

ना ही जिस्मों में फासले थे और ना ही दिलों में दूरियां कम थी ।। उसके चेहरे पर तो मुस्कुराहट थी पर आंखें नम थी ।। वो हमारे सामने खड़ी थी हम उसके सामने खड़े थे ।। होठों की ख्वाहिश पूरी करने के लिए जस्बात जिद पर अड़े थे ।। उसकी धड़कने बढ़ने लगी मेरे पैर कपने लगे !! जो कुछ भी हुआ वो हकीकत में हुआ था फिर भी वो लम्हे सपने लगे !! ©Naastik Sagar

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